नए साल का घपला कब 4 अक्टूबर 1582 के अगला दिन 15 अक्टूबर 1582 हो गया हैप्पी न्यू ईयर! मनाने वालों ध्यान से देखो हैप्पी न्यू ईयर आखिर क्यों ? जरा विचार करें - आधी दुनिया में नव वर्ष 1 जनवरी से प्रारम्भ नहीं होता । भारत की बहुआयामी संस्कृति में तो नव वर्ष कई रूपों में मनाया जाता है, जैसे कर्नाटक व तेलुगु क्षेत्रों में उगादि, महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा, सिंधी क्षेत्रों में चैती चांद, मणिपुर में सजिबु नोंगमा पनबा आदि नामों से नव वर्ष दिवस को जाना जाता है । भले ही इनके नाम अलग अलग हैं, किन्तु ये सभी एक ही दिन अर्थात हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र के पहले दिन मनाये जाते हैं, जो अप्रैल के आसपास होता है । चीन में यह उत्सव जनवरी के अंत से लेकर फरवरी के अंत के बीच संपन्न होता है, इस दौरान सात दिनों के लिए सब कुछ मानो थम जाता है। एक जनवरी को नव वर्ष मूलतः पश्चिमी और ईसाई मान्यता है । इतिहास में ये दोनों ही एक समय पूरी दुनिया को प्रभावित करते थे । यह उत्सव क्यों मनाया जा रहा है, इससे पूरी तरह से अनजान लोगों के लिए भी यह वाणिज्य और व्यापार का सुनहरा मौक़ा हुआ करता था । अपने व्यावसायिक कौशल से पश
Ajay karmyogi अजय कर्मयोगी शिक्षा स्वास्थ्य संस्कार और गौ संस्कृति साबरमती अहमदाबाद परंपरा ज्ञान चरित्र स्वदेशी सुखी वैभवशाली व पूर्ण समाधान हेतु gurukul व्यवस्था से सर्वहितकारी व्यवस्था का निर्माण