#सुलगते_सवाल??? क्या नेताजी सुभाष चन्द्र बोस कायर थे जो गुमनामी बाबा के रूप में बरसों तक रहे और कभी सामने नहीं आए ??? इस प्रश्न का उत्तर #अनुज_धर की बहुचर्चित पुस्तक #नेताजी_रहस्यगाथा में स्पष्ट हो जाता है। जिस विमान दुर्घटना में नेताजी को मृत मानकर नेहरू सरकार ने चैन की सांस ली थी वो दरअसल उस दिन वहाँ से उड़ा ही नहीं था। ये अंग्रेज़ी सत्ता को धोखा देने की चाल थी। नेताजी मंचूरिया होते हुए रशिया निकल गए थे। किंतु द्वितीय विश्वयुद्ध में जापान और जर्मनी की पराजय और स्टालिन के रशिया का मित्र राष्ट्रों की ओर झुकाव नेताजी के लिए मुसीबत बन गया था। स्टालिन ने नेताजी को साइबेरिया के कन्सन्ट्रेशन कैंप में रखा था। किंतु १९४८ में स्टालिन की मृत्यु के बाद रशिया में सत्ता परिवर्तन हुआ था और नये लोगों को फालतू में कैदियों का बोझ ढोने में कोई रुचि नहीं थी इसलिये नेताजी को चुपचाप वहाँ से चीन रवाना कर दिया गया था जहाँ से छुपते छुपाते वे तिब्बत के रास्ते भारत में आए लगभग १९५६ के आसपास। फिर १९८५ तक यायावर संत की तरह रहे। १९५६ से नैमिषारण्य, हरिद्वार, गंगोतरी, इत्यादि तीर्थों पर यायावरी करते हुए अंत
Ajay karmyogi अजय कर्मयोगी शिक्षा स्वास्थ्य संस्कार और गौ संस्कृति साबरमती अहमदाबाद परंपरा ज्ञान चरित्र स्वदेशी सुखी वैभवशाली व पूर्ण समाधान हेतु gurukul व्यवस्था से सर्वहितकारी व्यवस्था का निर्माण