सेमल के फूल की तरह अद्भुत सुंदर होती हैं कुर्दिश लड़कियां और इन्हीं ही सबसे ज्यादा यातना प्रताड़ना हो रही है आईएसआईएस द्वारा
#सेमल_का_फूल, बोले तो #कुर्दिश_लड़कियाँ.... इराक, सीरिया और तुर्की में से थोड़ा थोड़ा हिस्सा मिला कर बनता है कुर्दिस्तान। एक ऐसा देश जो है ही नहीं। जो लड़ रहा है अपने होने के लिए... पता नहीं हो पायेगा भी या नहीं। उपनिवेशवाद की समाप्ति के बाद जब देशों की सीमा रेखा खींची जाने लगी तब किसी ने कुर्दों की पुकार नहीं सुनी, सो उन्हें अपना देश नहीं मिला। इराक बन गया, सीरिया बन गया, तुर्की बन गया... कुर्दिस्तान नहीं बना। कुर्दिस्तान के नहीं बसने की कूर्द पीड़ा को समझना हो तो सीमांत गाँधी कहलाने वाले महान बलूच नेता खान अब्दुल गफ्फार खान को समझिए। भारत विभाजन के समय रोते हुए खान ने गाँधी से कहा था, "आप नहीं जानते बापू कि आपने हमें कैसे भेड़ियों के मुह में धकेल दिया है। ये पाकिस्तानी भेड़िये हमें नोच डालेंगे।" गाँधी आह भर कर रह गए... वर्षों बाद जब चिकित्सा के लिए खान साहब भारत आये तो तात्कालिक प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी उनकी आगवानी को एयरपोर्ट तक गयीं। खान साहब के पास कपड़ों की एक पोटली भर थी, इंदिरा जी ने सभ्यता बस उनसे वह पोटली लेनी चाही तो खान साहब मु