वैश्विक महामारी ने यूरोपियन इकोनामिक सिस्टम व भारत में प्रचलित आदिकाल से स्थापित जाति व्यवस्था की पूरी पोल खोल करके रख दी। जब हजारों हजार लोग सर पर गठरी और बॉक्स ला दे बड़े-बड़े महानगरों से आहें भरते अपने गांव की तरफ पलायन कर रहे थे।इस करुण दशा के लिए ब्रिटिशर्स ने लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स की सिद्धांतों को आगे बढ़ाते हुए हमारी आदिकाल से प्रचलित इस सहजीवन की प्राकृतिक और श्रेष्ठ व्यवस्था को तहस-नहस करके हमें रोड पर ला दिया दिया।घृणा द्वेष और वैमनस्य के बीजों को डालकर तोड़ो और राज करो की नीति पर आज भी यह मॉडल भारत को बर्बाद कर रहा है और भारत के लोगों का आनंद और उत्सव को छीन कर दुख निराशा और हताशा के जीवन में डूबा रहा है आप फिल्म का यह गाना याद करें हमरी न मानों रंगरेजवा से पूँछो : कहाँ मर बिला गयी रंगरेज जाति हमरी न मानों रंगरेजवा से पूँछो जिसने गुलाबी रंग दीना दुपट्टा मेरा : कहाँ बिला गया वो रंगरेज ? How The Fluid Indian "Jaat Pratha" was changed into Alien / European Rigid Caste System : Part- 3 "मॉडर्न caste सिस्टम एक सनकी रेसिस्ट ब्रिटिश ऑफीसर H H RIESLEY की
Ajay karmyogi अजय कर्मयोगी शिक्षा स्वास्थ्य संस्कार और गौ संस्कृति साबरमती अहमदाबाद परंपरा ज्ञान चरित्र स्वदेशी सुखी वैभवशाली व पूर्ण समाधान हेतु gurukul व्यवस्था से सर्वहितकारी व्यवस्था का निर्माण