क्या सरकार को कंपनी या कंपनी को सरकार रेगुलेट करती हैं क्योंकि खाने में ज़हर और मांस परोशने का धंधा सभी सरकारों ने यथावत चल रहा है पर सरकार के प्रतिनिधि यह सब जानते हुए भी मौन धारण किए है
सरकार में बैठे लोगों का चेहरा बदलता है पर सरकार की कार्यप्रणाली जस की तस चलती रहती है सरकारें आती हैं जाती हैं लेकिन कार्य सब वही चल रहे हैं जो पिछले 70 साल से चला आ रहा है हम ठप्पा लगाकर संतुष्ट हो जाते हैं एक समय था जब fdi के नाम पर संसद रोकी गई थी पर आज एक रहस्यमई में खामोशी छाई हुई है कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं क्योंकि वह सारे लोग जो इस fdi विरोध करने वाले थे वह सभी इसी स्वदेशी झंडे के तले विरोध कर रहे थे आज वही लोग अब आज fdi का झंडाबरदार बने हुए है और लीपा पोती करते हुए अपनी जिम्मेदारियों का इति श्री कर रहे हैं यह दर्द किससे कहूं जब बहुत छोटा सा था तो इसी स्वदेशी मंच की कक्षा से पढ़ कर सब स्वदेशी विदेशी का परिज्ञान मुझे हुआ पर आज जब उस पर कार्य करने का समय आया तब सब जगह सन्नाटा छा गया यह दर्द भी किसी से कह नहीं सकता अब मुझे ऐसा होने लगा है यह सब परिणाम है हमें इसका कारण और निवारण तलाशना ही पड़ेगा बर्बादी का यह तांडव इस राष्ट्र को बर्बाद कर देगा गीता के उस बचन को धारण करके कर्मपथ पर अपनी पुरुषार्थ को जगाएं क्योंकि दो पक्षों हैं धर्म और अधर्म यदि आपका अपना सगा भाई और गुर