मित्रो इल्लुमिनाती ने सनातन को खत्म करने के लिए दो तरह के हथियार तैयार किये थे पहला हथियार ईसाई मिशनरी दूसरा इस्लाम के टिड्डी दल। भारत में हजार आक्रमण करने के बाद भी जब यवन/इल्लु/जियोनिस्ट हिन्दुओ को गुलाम नही बना पाए तब उन्होंने क्रिस्चन रिलीजन को तैयार किया जिसने रोम पर अधिकार करके सनातन संस्कृति पर प्रहार करना शुरू किया लेकिन पूर्ण सफलता नही मिली। इससे भी इनका काम नही बना तो इस्लाम नामक नरभक्षक टिड्डी दल तैयार किया जो सन 712ई० से लेकर मुगल काल तक आते आते सारे खत्म होने की कगार पर आ गए तब भी हिन्दुओ को गुलाम नही बना पाए। हर जगह से मात खाये इल्लु ने एक नई रणनीति बनाई और ईसाईयत को अंतिम प्रहार के लिए सारी शक्ति प्रदान की ईसाइयत भारत में अपना वर्चस्व बनाने के लिए सनातन की जड़ों अर्थात वेद, पुराण और रामायण जैसे अनेक धार्मिक ग्रंथो पर प्रहार करने का महाषड्यंत्र शुरू किया। सन 1600 से आज तक भारत में बहुत से ईसाई विद्वान् रॉबर्ट डी नोबली, विलियम जोन्स, मैक्स मुलर, ब्रायन होऊटन और बिशप राबर्ट कोल्डवेल जैसे ईसाई मतावलम्बी भारत आये और उन्होंने भारतीय भाषा विज्ञान का
Ajay karmyogi अजय कर्मयोगी शिक्षा स्वास्थ्य संस्कार और गौ संस्कृति साबरमती अहमदाबाद परंपरा ज्ञान चरित्र स्वदेशी सुखी वैभवशाली व पूर्ण समाधान हेतु gurukul व्यवस्था से सर्वहितकारी व्यवस्था का निर्माण