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Showing posts from December, 2021

पूज्य तनसिंह जी द्वारा स्वामी करपात्री जी महाराज को 5 फरवरी 1960 को लिखा गया पत्र, संघशक्ति के मई, 1987 अंक से

  पूज्य तनसिंह जी द्वारा स्वामी करपात्री जी महाराज को 5 फरवरी 1960 को लिखा गया पत्र, संघशक्ति के मई, 1987 अंक से साभार पूज्य स्वामी जी महाराज, साष्टांग दंडवत । आपके सानिध्य में दो-एक दिन रह कर मुझे जितना आप की विचारधारा ने प्रभावित किया उससे कहीं अधिक आपकी कष्ट सहिष्णुता ने किया है। मानवता के लिए आपके अथक परिश्रम और निस्वार्थ वृत्ति किसे प्रेरणा नहीं देती? आपके दर्शनोपरांत मैंने श्री क्षत्रिय युवक संघ के कार्य में कष्ट सहिष्णुता की उत्कट प्रेरणा ली है। यदि मेरी अशिष्टता को क्षमा करें तो अनुचित होते हुए भी आपसे कुछ निवेदन करना चाहता हूं। रामराज्य परिषद का जीवन दर्शन आर्यधर्म का शाश्वत जीवन दर्शन है। मैं उसकी विचारधारा से पूर्णतः सहमत हूँ और अपनी समस्त शक्तियों को इसी ध्येय प्राप्ति के निमित्त अर्पण करने का आकांक्षी हूँ। परंतु जहां आप गांव गांव में प्रचार के द्वारा राम राज्य की प्राप्ति करना चाहते हैं वहां मेरा मतभेद केवल इतना ही है कि अमृत की प्राप्ति जहर से नहीं हुआ करती। यदि जहर से ही अमृत निकल सकता हो तो उसे मथने के लिए अलौकिक प्रयास चाहिए। हमारे अनुभव हमें यह बता रहे हैं कि राम

हथियारों के मामले में अमेरिका पर निर्भरता व जैविक युद्ध के लिए सेना तैयार, हादसा होने से दो दिन पहले सहीद जरनल विपिन रावत का एलान उनकी उनकी जान पर भारी पड़ा

   #BIPINRAWAT #S400 #VladimirPutin ■ भारत ने अमेरिका के #CAATSA कानून को ignore करते हुए, RUSSIA से S-400 DEFENCE SYSTEM खरीदा। अमेरिका ने भारत के उपर SANCTIONS लगाने की धमकियां दी। 6 DECEMBER को ही RUSSIAN PREZ व्लादिमीर पुतिन की 🇮🇳 यात्रा संपन्न हुई और आज 2 दिनों के बाद CDS BIPIN RAWAT का हेलिकॉप्टर #COONOOR, TAMIL NADU में CRASH हो गया। ये सब संयोग नही हो सकता। ■ अमेरिका को इस बात का डर है कि भारत उसके SPHERE OF INFLUENCE से बाहर निकल रहा है। रशिया से भारत की नजदीकियां अमेरिका को पसंद नही आ रही। भारत का हथियारों के मामले में अमेरिका पर निर्भरता कम करना भी अमेरिका को hurt कर गया   जनरल रावत कोई राजनेता नहीं थे कि कोई उनका समर्थक और कोई उनका विरोधी होता. वे एक पत्रकार नहीं थे जिनके व्यूज के लिए कोई उनको पसंद या नापसंद करता. वे एक सेलिब्रिटी नहीं थे जिन्हें एडमायर या क्रिटिसाइज किया जाता. वे सैनिक थे, भारत की सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख थे. उनका एक ब्रिलियंट सैनिक रिकॉर्ड था, और उनके नेतृत्व में भारतीय सेनाओं ने सफलताएँ पाई थीं, मनोबल ऊँचा हुआ था. वे किसी एक समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं