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राष्ट्रीय स्वतंत्र गुरुकुल अभियान: मनुष्य को निर्वीज नष्ट भ्रष्ट कर समाप्त करने की तै...

राष्ट्रीय स्वतंत्र गुरुकुल अभियान: मनुष्य को निर्वीज नष्ट भ्रष्ट कर समाप्त करने की तै... :       यह करवा रहे हैं वैज्ञानिक जो कभी इन जानवरों ने भी करना नहीं चाहा, #भगवान बनना चाहता है #इंसान।। यह सिंह (टाइगर) और बब्बर शेर का वर्ण स...
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    अगर मुझे किसी भी बैंक का central statutory auditor बना दिया जाए तो 7 दिन में इतने npa निकाल दूँ कि सारे बैंक दिवालिया हो जाएं । एक बार मैंने एक बैंक की ब्रांच का statutory audit किया था उस बैंक ब्रांच को loss में ला कर खड़ा कर दिया था । अगले तीन वर्षों तक बैंक ने मुझे ऐसी ब्रांच allot की ,जिनमें जा तो कोई loan ही नही था ,या सर्विस ब्रांच थी ,या नई खुली ब्रांच थी । अगर बैंक्स का सही ऑडिट हो तो सारे बैंक्स की capital negative हैं । सारे बड़े loan बिना security के केवल share गिरवीं रखकर दिए जाते हैं ,consumer loan ,vehicle loan , सबमें बहुत npa है लेकिन बैंक के parmoter पागल थोड़ी हैं कि उनको पता नहीं की loan वापिस नही आएगा लेकिन बैंक में उनका पैसा ना मात्र का लगा होता है और जनता का पैसा बहुत अधिक । जैसे y bank में r kapoor का अधिक से अधिक 500 करोड़ लगा है और depositors की fd ,saving आदि में 200000 करोड़ रुपये लगा है । अगर y बैंक डूबता है तो राणा कपूर को कुछ नहीं होगा । अब सारा खेल 200000 करोड़ लूटने का है । बैंकिंग system आम जनता का पैसा कैसे लूटता है । 1. car

संस्कृत के आगे सारी डिग्री तुच्छ साबित हुइ ,स्वाधिक डिग्री में गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करानेवाले श्रीकांत जिचकर

   अद्भुत, अकल्पनीय, अविश्वसनीय किन्तु सत्य आपसे कोई पूछे भारत के सबसे अधिक डिग्रीधारी शिक्षित एवं विद्वान व्यक्ति का नाम बताइए जो- ▪️डॉक्टर भी रहा हो, ▪️वकील भी रहा हो, ▪️IPS अधिकारी भी रहा हो, ▪️IAS अधिकारी भी रहा हो, ▪️कुलपति भी रहा हो, ▪️विधायक, मंत्री, सांसद भी रहा हो, ▪️चित्रकार, फोटोग्राफर भी रहा हो, ▪️मोटिवेशनल स्पीकर भी रहा हो, ▪️पत्रकार भी रहा हो, ▪️संस्कृत, गणित का विद्वान भी रहा हो, ▪️इतिहासकार भी रहा हो, ▪️समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र का भी ज्ञान रखता हो, ▪️जिसने काव्य रचना भी की हो ! अधिकांश लोग यही कहेंगे -"क्या ऐसा संभव है ?आप एक व्यक्ति की बात कर रहे हैं या किसी संस्थान की ?" पर भारतवर्ष में ऐसा एक व्यक्ति मात्र 49 वर्ष की अल्पायु में भयंकर सड़क हादसे का शिकार हो कर इस संसार से विदा भी ले चुका है ! उस व्यक्ति का नाम है- डॉ. श्रीकांत जिचकर श्रीकांत जिचकर का जन्म 1954 में एक संपन्न मराठा कृषक परिवार में हुआ था ! वह भारत के सर्वाधिक पढ़े-लिखे व्यक्ति थे, जो गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है ! डॉ. श्रीकांत ने 20 से अधिक डिग्री हासिल की थीं ! कुछ रेगुलर व कुछ पत्राचार
    5 अप्रैल 1952 को चाउ एन लाई ने नेहरू जी के (भारत सरकार के) राजदूत कवलम माधव पणिक्कर से कहा कि हमें तिब्बत में अपनी सेनाओं के लिये खाद्यान की आपूर्ति के लिये भारत पर निर्भर रहना पड़ेगा। हम चाहते हैं कि भारत इस मामले में हमारी सहायता करे। पणिक्कर ने नेहरू को यह बताया और यह कहा कि हमें यह आपूर्ति कर देनी चाहिये। नेहरू ने कहा कि ‘हम जानते हैं कि यह खाद्यान आपूर्ति तिब्बत में मौजूद चीनी सेना के लिये की जा रही है जिन्हें सभी दृष्टियों से इसकी अत्यन्त आवश्यकता है।’ तिब्बतियों का खून पी रहे माओ के सैनिकों के लिए चावल भेजा मई 1952 में नेहरू जी ने चीनी सेनाओं के लिये 500 टन अनाज भेजने का आदेश दे दिया। साथ ही यह जोड़ दिया कि हमारे बीच तिब्बत में हमारे हितों के विषय में सामान्य समझौते की आवश्यकता है। 21 जून 1952 को एक पत्रकार सम्मेलन में जब यह पूछा गया कि क्या भारत से चीनी सेनाओं के लिये तिब्बत में चावल भेजा जा रहा है? नेहरू जी ने उत्तर दिया - ‘बहुत अधिक मात्रा में नहीं। सकरे रास्ते और सघन पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण खाद्यान की आपूर्ति अधिक मात्रा में नहीं की जा सकती। उनकी सेना को खाद्यान की अत

सभी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं का सदस्य बनने के बावजूद इस इलाके को अर्थात् चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साम्राज्य को संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रत्येक संस्था से बाहर ही रखता है ताकि वहां मनमानी की जा सके।

  स्तालिन को इंग्लैंड - अमेरिका ने उपहार में दिया सोवियत संघ मध्यएशिया के बड़े इलाके को लेकर ब्रिटेन डरता है कि कहीं रूस उस इलाके में कब्जा करके अफगानिस्तान तक न पहुंच जाये और रूस डरता है कि ब्रिटेन हमारी सीमाओं तक न आ जाये। अंततः द्वितीय महायुद्ध की समाप्ति के बाद मित्र शक्तियों को दी गई सहायता के बदले में स्तालिन इस इलाके के एक बड़े क्षेत्र पर कब्जा कर सोवियत संघ नामक साम्राज्य रचता है और शेष हिस्से में ब्रिटेन तथा अमेरिका के संयुक्त प्रभाव से छोटे-छोटे राज्य खड़े कर दिये जाते हैं। इस प्रकार सोवियत संघ वस्तुतः इंग्लैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा स्तालिन को दिया गया उपहार है या सौदा है जो जर्मनी के विरूद्ध युद्ध में साथ आने के कारण दिया गया। स्तालिन का चेला माओ इसी द्वितीय महायुद्ध के बाद स्तालिन एक झटके में झांगहुआ पर माओजे दुंग का कब्जा कराता है और फिर चीन का महिमामंडन कर अपने साथ एक बड़े राष्ट्र को खड़ा प्रचारित करता है तथा साथ ही इस पूरे इलाके में मनमानी की छूट के लिये स्वयं सभी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं का सदस्य बनने के बावजूद इस इलाके को अर्थात् चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साम्राज्य

जग्गी वासुदेव की सच्चाई खुली

   लीजिए, ये हैं आपके "सद्गुरु उर्फ जग्गी वासुदेव" की असलियत की प्रथम कड़ी – वर्ष 2012 से पूर्व इस तथाकथित "सद्गुरु" की पहुँच या चर्चा कितने लोगों में या कितने लोगों तक थी? मुझे तो याद नहीं कि इससे पूर्व इनका डंका इतनी जोर से इससे पहले बज रहा था... अचानक से धूमकेतु की तरह, पूरे ताम झाम के साथ एक नये "धर्मगुरु" बाज़ार में आते हैं और भारत में लोग दीवाने बन जाते हैं क्योंकि सब कुछ बड़े ही सुनियोजित ढंग से होता है... इससे पूर्व "डबल श्री" जैसे पाखंडियों का साम्राज्य स्थापित हो चुका था जिनका सच जल्दी ही बाहर आ गया जब कुख्यात जाकिर नाइक की सभा में नाइक ने इनकी बोलती बंद कर दी क्योंकि इनके पास उसका काउंटर करने के लिए बुद्धि थी ही नहीं... वर्ष 2012 के नवंबर में "फ्रीमेसन्स" या "मेसन्स" की एक कार्यशाला सम्भवतः बैंगलोर में ही आयोजित की जाती है जिसमें दुनिया भर के "मेसन्स" आते हैं और उसमें "सद्गुरु" भी भाग लेते हैं... इन्हें आधे घंटे का समय बोलने के लिए दिया जाता है जिसे बढ़ाकर 1 घन्टा कर दिया जाता है... इसके बाद से ही भा

गुजरात में वैदिक गणित स्कूलों की शिक्षा में शामिल भारत के विभिन्न राज्यों मे गुरुकुल अभियान का नया कीर्तिमान

     वैदिक गणित: गणित का वो तरीका जिसे पूरी तरह मिटा दिया गया और आपको पता भी नहीं चला बच्चे गणित से दूर नहीं भागते, अगर उन्हें स्कूल में वैदिक गणित पढ़ाया जाता! भारतीय विद्यार्थियों को जिस एक विषय से सबसे अधिक डर लगता है उसका नाम गणित है। गणित या मैथ एक ऐसा विषय है जिसकी कक्षाओं में हममें से कई लोगों ने बचपन में मार खाई होगी। हालांकि, बच्चों को सजा देने का चलन तो अब समाप्त हो चुका है लेकिन बच्चों में गणित का डर आज भी विद्यमान है। ऐसे में क्या कोई तरीका है जिससे हम मैथ के इस डर को समाप्त कर सकते हैं। हाँ है! भारत के प्राचीन ग्रंथों में इसका समाधान है। हम बात कर रहे हैं वैदिक गणित की। इसकी विशेषता यह है कि वैदिक गणित, बड़े से बड़े जोड़, घटाना, गुणा, भाग को सरल समीकरण के रूप में बदल देता है। गुजरात विद्यालय शिक्षा को पूरी तरह बदलने तथा एक नया कीर्तिमान स्थापित करने की तैयारी में है। सरकार ने अगले वर्ष से विद्यालय शिक्षा में वैदिक मैथमेटिक्स को एक विषय के रूप में सम्मिलित करने का निर्णय किया है। गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने इसकी घोषणा भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जन्म