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Showing posts from March, 2018
खतरे की घंटी और अरबपतियों का भारत से पलायन । हकिकत में भारत में अरबपति के लिए भाषा और समज की गरबडी है । खर्चिली लाईफस्टाईल और कुछ आंकडे से ही अरबपति बता दिए जाते हैं । आंकडे प्लस है या मायनस है वो देखा नही जाता है । जो खूद की कमाई, खूद के पैसे से अरबपति बने हैं वो ही सच्चे अरबपति है, प्लस साईड में है । उधार के पैसे से बने है वो तो मायनस साईड के अरबपति है । ऐसे अरबपति को पहले अरबों कमाकर उधार चुकाकर जिरो में आना पडता है और फिर सच्चा अरबपति बनने के लिए दुसरीबार अरबों कमाना पडता  है । . एक प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2017 में भारत से करीब 7000 अमीर देश छोड़कर विदेशों की ओर पलायन कर गये हैं । 135 करोड़ की आवादी वाले देश से कुछ हजार लोगों का पलायन करना भले ही छोटी बात हो लेकिन यह घटना बहुत गंभीर है । क्योंकि जहाँ भारत की 73 प्रतिशत संपत्ति 1 प्रतिशत लोगों के पास है और वही लोग पलायन करने लगे तो उनके साथ भारत का कितना धन वो ले जा रहे हैं । साल 2017 में देश से करीब 7000 अमीरों ने पलायन किया, साल 2016 में यह आकड़ा 6000 था, 2015 में 4,000, साल दर साल यह आकड़ा बढ़ता ही
कभी  नोटों के लिए मर गए  तो कभी वोटों के लिए मर गए l   होते आज भगत सिंह तो कहते यार! सुखदेव,  हम भी किन कमीनो के लिए मर गएl शहीद ए आजम भगत सिंह की आखरी इच्छा ःः- लाला लाजपात राय अंग्रेजो के खिलाफ़ लड़ रहे थे ।अंग्रेजी पूलिस ने उनके सिर में लाठिया मार मार के उनको शहीद कर दिया । आजादी के 64 साल बाद 4 जून को भ्रष्ट सरकार के खिलाफ़ अंदोलन में पुलिस ने बहन राजबाला को डंडे मार मार शहीद कर दिया । आजादी के 64 साल बाद आज भी पुलिस अंदोलन करने वाले भारत वासियो को वैसे ही डंडे मारे जैसे अंग्रेजो की पुलिस मारती तो थी तो कैसे की हम आजाद हैं । आखिर ये पुलिस बनी कब ?? 10 मई 1857 को जब देश में क्रांति हो गई । और भारतवासियों ने पूरे देश में 3 लाख अंग्रेजो को मार डाला । उस समय क्रांतिकारी थे मंगल पांडे, तात्या टोपे, नाना साहब पेशवा आदि । लेकिन कुछ गद्दार राजाओ के वजह से अंग्रेज दुबारा भारत में वापिस आयें । और दुबारा अंग्रेजो को भगाने के लिये 1857 से लेकर 1947 तक पुरे 90 साल लग गये । और इसके लिये भगत सिहं,उधम सिहं , चंद्र शेखर आजाद ,राम प्रसाद बिसमिल जैसे 7 लाख 32 हजार क्रंतिवीरो को अपनी जान द
बिल गेट्स अपने बच्चे को वैक्सीन क्यों नहीं दिलवाता है ? एक बार सोचो.... प्रस्तुत लेख में आपको समझ में आ जाएगा जो भाई अंग्रेजी नहीं जानते वो बस इसे वैक्सीनेशन की साजिश के शिकार ना हो अजय कर्मयोगी Bill Gates’ Former Doctor Says Billionaire ‘Refused To vaccination The physician who served as Bill Gates’ private doctor in Seattle in the 1990s says the Microsoft founder and vaccine proponent “refused to vaccinate his own children” when they were young. “I don’t know if he had them vaccinated as adults, but I can tell you he point blank refused to vaccinate them as children,” the physician said at a behind closed doors medical symposium in Seattle, adding “They were gorgeous kids, really smart and vivacious, and he said they would be OK as it was, they didn’t need any shots.“ The comments caused a stir among physicians at the symposium with claims he was breaking doctor-patient confidentiality, according to reports. However as he was speaking to other physicians, he was not brea
१९४० से अबतक क्या बदल गया, रोग बढ गए या दवाईयां बढ गयी? . कितनी वेक्सीन, कितने डोज !  . मुझे कभी कोइ वेक्सीन का डोज नही दिया गया था । बच्चा था तब खेत में रहे १३ होर्स पावर का रस्टन एन्जिन हेन्डल मार के चालु कर देता था । इतना भारी था कि आज का युवा भी वो चालु ना कर सके । आज पचास तरह के डोज दिए बच्चों में वो तकत बची है?  . समाचार है कि पाकिस्तान में डिपोपुलेशन के ठेकेदार बीलगेट की पोलियो टीम पर आतंकियोंने हमला कर दिया है और दो को मार दिया है । . ये पहलीबार ही नही हुआ है, ऐसी घटनाएं वहां बनती रहती है । वहां की राष्ट्रवादी जनता जो तालीबान से जुडी है वो बीलगेट और पोलियो की हकिकत जानती है । वो जानते हैं कि पोलियो द्वारा हम पर डिपोपुलेशन का हथियार चलाया जा रहा है । बाकी सभी आतंकी ग्रूप तो अमरिकी पैदाईश है, उनको जनता की फिकर नही है । . शैतान अगर अतिधनवान है तो भारत जैसे देश में उसकी पूजा की जाती है, कट्टर मुस्लिम देशों में ऐसा नही होता । बीलगेट वहां पूजा नही जाता । . बीलगेट और अमिताभ के नाम से ही भारत के लोगोंने खूशी खूशी पोलियो पी ली, अब फर्टिलिटी सेन्टर में लाईन लगा के खडे हैं ताकि डोक्टर सा

महाशिवरात्रि का पर्व पर हमारी सनातन परंपरा में सामाजिक समरसता का योगदान

  यादों के झरोखे से ****************** साधु रघुवर दास " यादव "..बस्ती DM आफिस में माली पद पे कार्यरत थे ..! संत आदमी ..जटा जूट धारी रघुवर दास का गांव में बड़ा सम्मान था ..! गांव में पुरुब पोखरा के किनारे एक शिव मंदिर रघुवर दास ने अपने निजी खर्चे से अपनी निजी जमीन पे बनवाया था ..! साप्ताहिक छुट्टी में रघुवर दास गांव आते और मंदिर परिसर की साफ सफाई ...,फूल पत्ती की देखभाल ...लान क्यारी में दिन भर लगे रहते ..! उनका साथ उनके परिवार के अलावा पूरा यादव बहुल गांव के यादव भी देते थे ..! शिवरात्रि ...जन्माष्टमी पे विशेष आयोजन गांव के समस्त यादव बंधु रघुवर दास के अगुवाई में करते थे ..! भंडारा भी चलता था ..! आसपास के अन्य ब्राह्मण बहुल गांवों में ऐसी रौनक न थी ...। थोड़ी बहुत कंपटीशन पड़ोस के गांव के चौरसिया लोग करते थे ..मगर हमारे गांव की बात ही निराली थी ..! हर साल राम लीला का आयोजन भी होता था ..! चूंकि यादव बहुल गांव था ...अतः रामलीला कमेटी में राजिंदर तिवारी और रविन्द्र तिवारी ...दो बाभनो के अलावा सारे पात्र कलाकार और मैनेजमेंट से ले के रुपये पैसे की बेवस्था रामचन्द्र यादव ...हरिराम या
नाम : कनक क्षार, सुहागाचौकी, रसघ्न, धातु द्रावक, सौभाग्य, टंकण आदि सुहागा के नाम है। गुण : सुहागा पेट की जलन, बलगम, वायु तथा पित्त को नष्ट करता है, और धातुओं को  द्रवित करता है। विभिन्न बीमारियों में सुहागा : 1.स्वरभंग : सुहागा को पीसकर चुटकी भर चूसने से बैठी हुई आवाज खुल जाती है। 2.जुकाम : तवे पर सुहागा को सेंककर पीस ले। इसे चुटकी भर 1 घूंट गर्म पानी में घोलकर रोजाना 4 बार पीने से जुकाम ठीक हो जाता है। भूना सुहागा आधा ग्राम गर्म पानी से सुबह-शाम लेने से नजला ठीक हो जाता है। 3.पसीना : 1 चम्मच पिसा हुआ सुहागा एक बाल्टी पानी में मिलाकर नहाने से अधिक पसीना आना और शरीर से दुर्गन्ध आना बंद हो जाती है। 4.अजीर्ण : बच्चा सोते-सोते रोने लगे, दही की तरह जमे दूध की उल्टी करे, हरे रंग का अतिसार (दस्त) हो तो समझे कि बच्चे को खाया हुआ पचता नहीं है। बच्चे की पाचनशक्ति (भोजन पचाने की क्रिया) ठीक करने के लिए भुना सुहागा चुटकी भर दूध में घोलकर 2 बार पिलाने से लाभ होता है। 5.पेट फूलना, दूध उलटना : तवे पर सुहागे को सेंक कर बच्चों को चटाने से पेट फूलना और दूध पीकर वापिस निकाल देने का रोग दूर ह
विज्ञान के दौर में आज भी कई ऐसे सवाल है जिनका कोई जवाब वैज्ञानिकों के पास भी नहीं है। भारत भी ऐसे रहस्यों से भरा पडा है जिन्हें देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो जाता है। आज हम आपको ऐसे ही एक रहस्य के बारे में बताने जा रहे है जिसके रहस्यों को सुलझाने में भारत के ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के वैज्ञानिक असफल हो चुके है। इस जगह का नाम है भीमकुंड। भीमकुंड केवल धार्मिक स्थान ही नहीं बल्कि पर्यटन प्रेमियों के लिये यह अत्यंन्त ही रमणीय स्थान है। मध्यप्रदेश में है स्थित मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले से 80 किलोमीटर दूर पर बाजना कस्बे के पास सघन वन में स्थित भीमकुंड एक प्राकृतिक जलस्त्रोत है। इस जलस्त्रोत का पानी बडा ही मीठा और पीने योग्य है। कई वैज्ञानिकों की टीम मिलकर भी इस बात का पता नहीं लगा पायी है कि इस जलकुंड में पानी कहां से आता है लेकिन कई प्रयास के बाद भी इस बात का पता नहीं चल सका। भीमकुंड जहां स्थित है उसके दूर दूर तक कोई नदी, तालाब और कोई पानी का स्त्रोत नहीं है साथ ही जब सूखा पडता है तब भी इस जलकूंड में से एक बूंद भी पानी कम नहीं होता। महाभारत से जुडी है कथा
राष्ट्रकवि दिनकर की रचना ये धुंध कुहासा छंटने दो           रातों का राज्य सिमटने दो प्रकृति का रूप निखरने दो           फागुन का रंग बिखरने दो, प्रकृति दुल्हन का रूप धर            जब स्नेह – सुधा बरसायेगी शस्य – श्यामला धरती माता            घर -घर खुशहाली लायेगी, तब चैत्र-शुक्ल की प्रथम तिथि            नव वर्ष मनाया जायेगा आर्यावर्त की पुण्य भूमि पर            जय-गान सुनाया जायेगा... ॥ वन्दे मातरम॥* अजय कर्मयोगी  गुरुकुलम साबरमती  का नए संवत्सर के शुभकामनाएं  नव संवत्सर २०७५ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा , १८ मार्च २०१८ से प्रारंभ हो रहा है* यही हमारा नया वर्ष है, इसे धूमधाम से मनाए -          हम बताते है *भारतीय नववर्ष* की विशेषता   -  ग्रंथो में लिखा है कि जिस दिन सृष्टि का चक्र प्रथम बार विधाता ने प्रवर्तित किया, उस दिन चैत्र शुदी १ रविवार था। हमारे लिए आने वाला *संवत्सर २०७५* बहुत ही भाग्यशाली होगा , क़्योंकि इस वर्ष भी *चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को रविवार है*,   शुदी एवम  ‘शुक्ल पक्ष एक ही  है। चैत्र के महीने के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि (प्रतिपद या प्रतिपदा) को सृष्टि का