खतरे की घंटी और अरबपतियों का भारत से पलायन । हकिकत में भारत में अरबपति के लिए भाषा और समज की गरबडी है । खर्चिली लाईफस्टाईल और कुछ आंकडे से ही अरबपति बता दिए जाते हैं । आंकडे प्लस है या मायनस है वो देखा नही जाता है । जो खूद की कमाई, खूद के पैसे से अरबपति बने हैं वो ही सच्चे अरबपति है, प्लस साईड में है । उधार के पैसे से बने है वो तो मायनस साईड के अरबपति है । ऐसे अरबपति को पहले अरबों कमाकर उधार चुकाकर जिरो में आना पडता है और फिर सच्चा अरबपति बनने के लिए दुसरीबार अरबों कमाना पडता है । . एक प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2017 में भारत से करीब 7000 अमीर देश छोड़कर विदेशों की ओर पलायन कर गये हैं । 135 करोड़ की आवादी वाले देश से कुछ हजार लोगों का पलायन करना भले ही छोटी बात हो लेकिन यह घटना बहुत गंभीर है । क्योंकि जहाँ भारत की 73 प्रतिशत संपत्ति 1 प्रतिशत लोगों के पास है और वही लोग पलायन करने लगे तो उनके साथ भारत का कितना धन वो ले जा रहे हैं । साल 2017 में देश से करीब 7000 अमीरों ने पलायन किया, साल 2016 में यह आकड़ा 6000 था, 2015 में 4,000, साल दर साल यह आकड़ा बढ़ता ही
Ajay karmyogi अजय कर्मयोगी शिक्षा स्वास्थ्य संस्कार और गौ संस्कृति साबरमती अहमदाबाद परंपरा ज्ञान चरित्र स्वदेशी सुखी वैभवशाली व पूर्ण समाधान हेतु gurukul व्यवस्था से सर्वहितकारी व्यवस्था का निर्माण