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Showing posts from May, 2019

क्या भारत की शिक्षा प्रणाली का पुनरुद्धार का समय आ गया है

किसी भी सभ्यता का इतिहास उस  समाज की शिक्षा का इतिहास भी होता है क्योंकि सभ्यता के लिए आवश्यक पुरुषार्थ अपने ज्ञान परंपरा के संदर्भ में ही संभव होते हैं और किस समाज ने  ज्ञान के किन-किन रूपों की साधना की है और कितना और कैसा ज्ञान अर्जित किया है ,  इससे ही उसमें किए गए और चल रहे पुरुषार्थों का स्वरूप  निर्धारित होता है। आज यह विश्व विदित सत्य है कि प्राचीन भारत में जिस शिक्षा व्यवस्था का प्रचार था , वह अपने समय के विश्व की अन्य शिक्षा व्यवस्थाओं की तुलना   में सर्वाधिक श्रेष्ठ और समुन्नत थी ।  जब कुछ अंग्रेज ईस्ट इंडिया कंपनी के कर्मचारी के रूप में भारत आए और यहां के समाज में कुछ प्रतिष्ठा पाने का प्रयास करने लगे तो उन्होंने पाया कि इस समाज में शिक्षा का बहुत अधिक आदर है इसलिए उन्हें लगा कि हम भी यहां के लोगों को शिक्षा में रुचि लेते हुए दिखे तो शायद इससे हमारा कुछ सम्मान बढ़ेगा और तब हमें अपना व्यापार फैलाने में सहायता मिलेगी इसके लिए उन्होंने कोलकाता और काशी मे विद्यालय स्थापित किए । यद्यपि उन्हे एक आशा यह थी कि शायद इन विद्यालयों द्वारा छद्म रूप से ईसाइयत के प्रसार मे भी सहायता

सावधान हो जाइए कहीं आप नकली करेंसी के शिकार तो नहीं है

मुद्रा की यह खेल अंग्रेजों के बाद से काले अंग्रेजो के द्वारा बड़े तरीके से खेला जा रहा है इसका रहस्योद्घाटन आज से करीब 16 साल पहले इनकम टैक्स के कमिश्नर श्री विश्व बंधु गुप्ता जी ने उस समय ही कर दिया था पर यह रहस्योद्घाटन पिछले 12 साल तक दवा रहा अब जाकर के उजागर होने के करीब है अभी पता नहीं यह हो पाएगा या नहीं पर आपको इस मुद्रा के खेल में मुद्रा का इतिहास और सारे तमाम अन्य पहलुओं की जानकारी के हेतु एक पूरा रिसर्च तैयार हो चुका है इसे जल्द ही प्रकाशित कराने की योजना है नीचे दिए गए लेख में  कुछ   पार्टी का भी उल्लेख किया गया है पर इसमें आपको विवेक से पढ़ कर   आवश्यक चीजों को व अंतर्निहित  श्रेष्ठ विचारों को अपने अंदर समाहित करना है आप सब का सानिध्य और सहयोग की अपेक्षा है अजय कर्मयोगी 9336919081           https://youtu.be/AzsQoOsDt1Y दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला खुलेगा 2019 के बाद जो शायद दुनिया मे कही नही हुआ होगा और इस महाघोटाले का  मुख्य अभियुक्त है चिदंबरम इसको पढ़िए की क्यों किया गया अचानक नोटबन्दी का फैसला? पीएम मोदी ने नोटबंदी करके इस घोटाले को रोक तो दिया, मगर उसके बाद य
How an Ancient Indian Art Utilizes Mathematics, Mythology, and Rice Computer scientists have studied these “pictorial prayers.” Kōlam festivals are one of the few remaining opportunities to showcase this slowly fading tradition. Kōlam festivals are one of the few remaining opportunities to showcase this slowly fading tradition. Paddy Photography/Getty Images Before the first rays of sunlight stream across the rice fields and mud roads in the Nilgiri Mountains, before they force their way through the high-rises in the urban jungle of Chennai and Madurai, the women of Tamil Nadu are up for the day. In the dark, they clean the threshold to their home, and, following a centuries-long tradition, painstakingly draw beautiful, ritualistic designs called kōlam, using rice flour. Taking a clump of rice flour in a bowl (or a coconut shell), the kōlam artist steps onto her freshly washed canvas: the ground at the entrance of her house, or any patch of floor marking an entrypoint. Wor

अक्षय तृतीया की हार्दिक शुभकामनाएं

भगवान परशुराम जी के अवतरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ पुरतः चतुरो वेदाः,पृष्ठतः सशरं धनुः इदं ब्राह्मं इदं क्षात्रं शापादपि शरादपि।। अक्षय तृतीया सबके लिए अक्षय प्रसन्नता दायक हो ।।   नीचे एक अन्य लेख आज के दिन का एक प्रासंगिक लेख  विचारणीय भी है  जो आपको प्रेषित कर रहा हूं हालांकि इसमें कुछ विचारों से मैं सहमत नहीं हूं कृपया आप अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें      'मास्टर आफ वैपंस, परशुराम थे न्यायिक राज्य के पुनर्स्थापक।    जब राजा अपने धर्म से च्युत होकर प्रजा,और अन्य जीवों पर अत्याचारी हो जाए तो ऋषियों का तेज ‘मानव एवं जीव,,कल्याण के लिए वाह्य रूप में प्रकट होना आवश्यक है।हरि का अवतार निमित्त है।                                                        ‘वृहष्पति,      नौ ऋषियो में ही भृगु भी थे।ये वही भृगु हैं जिनके प्रयासों से वह भृगुसंहिता रची गई, जिसे पढ़कर लोग अपना भविष्य जानने को उत्सुक रहते हैं।शुक्र,उनके बेटे थे।उनके पुत्र कवि हुये कवि से ऋचीक।चन्द्र वंश में पुरुरवा के वंशज राजा गाधि की पुत्री सत्यवती से ऋचीक का विवाह हुआ था।सत्यवती से ही क्षत्रियो का कौशिक गोत्र शुरू ह

RO Water का षड्यंत्र और B12 की कमी से कुपोषण का व्यापार

मैंने तीन महीनो से RO का पानी पीना बंद किया और फ़र्क देखा है . आज इस रिपोर्ट से कन्फर्म हो गया की दानव क्यों चाहते है विटामिन बी 12 लेवल कम हो और लोग माँसाहारी बने तथा उनके बनाये हुए साइनाइड युक्त दवाओं का सेवन करते हुए लोगो को मारा जाय- RO WATER का षड़यंत्र - विदेशी कंपनियों का ऐसा षड्यंत्र जिससे आज गाँव भी नहीं बचा । जिस देश में पानी बेचना पाप माना जाता है आज उस देश में पानी 20 रूपये लीटर बेचा जा रहा है । मशीनों के लिए प्रयोग होने वाला RO वाटर आज प्रत्येक घरों में पहुँच चुका है । एक फैशन सा होता जा रहा है कि हम भी RO WATER पीते हैं इसलिए बीमार नहीं पड़ेंगे । - पानी के अन्दर बहुत सारे मिनरल्स होते हैं लेकिन जब इनको काटरेज फ़िल्टर से पास किया जाता है तो बहुत सारे मिनरल्स ख़त्म हो जाते हैं जैसे- बी-12 ख़त्म हो गया तो आपको पता भी नहीं चलेगा । 1 लीटर RO WATER बनाने के लिए 2 लीटर पानी प्रयोग किया जाता है । 50% पानी WASTE हो जाता है । - सामान्यतः मानव के लिए 7 से 7.5 Ph , 200 से 250 TDS , 50 Hardness Vailue का पानी पीना चाहिए । लेकिन जहाँ पर सप्लाई का पानी ही 200 TDS, 10 HARDN

आतंकी हाफिज सईद आतंकवादी घोषित होने से भारत की अर्थव्यवस्था को भारी खतरा

     एक तरफ हाफिज सईद को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित होने के बाद भारत में एक उत्सव का माहौल बना है वहीं दूसरी तरफ पीछे से एक ऐसा वार किया गया कि भारत की अर्थव्यवस्था एक बार पुनः विचारणीय स्थिति में आने जा रही है क्योंकि इरान से डायरेक्ट लेन-देन से हमारे यहां तेल की सप्लाई बिना डालर के अपनी मुद्रा में कर सकते थे जो आज से प्रतिबंधित हो गया है यह एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा है आगे पढ़कर अपना विचार प्रस्तुत करें अजय कर्मयोगी अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण भारत अब तेहरान से तेल नहीं खरीद पाएगा. इससे भारत पर व्यापक असर पड़ेगा. इस प्रतिबंध के पालन में मसूद अजहर भी एक फैक्टर है. इसके अलावा भारत को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं? अमेरिका ने ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों से आठ देशों को छूट दी थी. लेकिन अब वॉशिंगटन ने इस रियायत को आगे ना बढ़ाने का फैसला किया है. साल 2015 में ईरान के साथ हुए एक ऐतिहासिक परमाणु समझौते से अमेरिका बाहर निकल गया. इसके चलते अमेरिका ने नवंबर, 2018 में ईरान द्वारा किए जाने वाले तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया. अमेरिका का कहना था कि वो ईरान के

क्या ब्राह्मण से नफरत इसीलिए के उन्हें आसानी से धर्मांतरण करवाया जा सके

     आइये आज ब्राह्मणों की बात करते है... नफरत सिर्फ ब्राह्मणों के खिलाफ क्यों फैली, नफरत यादव, सुनार, धोबी, कुम्हार या बाकी जातियों के खिलाफ क्यों नहीं फैली, ये एक वाजिब प्रश्न है...! सुनिए जरा... अगर आप यादव से नफरत करेंगे तो उससे दूध लेना बंद कर देंगे; पर फिर भी हिन्दू रहेंगे... अगर आप सुनार से नफरत करेंगे तो उससे आभूषण बनवाना बंद कर देंगे, पर फिर भी आप हिन्दू रहेंगे... अगर आप धोबी, कुम्हार से नफरत करेंगे तो कपड़े धुलवाना और बर्तन खरीदना बंद कर देंगे, पर फिर भी आप हिन्दू रहेंगे... पर, अगर आप ब्राह्मण से नफरत करेंगे तो तो आप सभी धार्मिक रस्मों जैसे कि जन्म, शादी, मृत्यु के लिए उसके पास जाना बंद कर देंगे और और ये सब रस्में आ कर चर्च का पादरी करेगा... ब्राह्मणों से नफरत करना यानी anti-brahminism, 2000 साल पुराने "जोशुआ" प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसका एजेंडा पूरे हिंदुस्तान को ईसाई मुल्क बनाना है, हिंदुओं  का धर्मान्तरण तब तक नहीं हो सकता जब तक वे ब्राह्मणों के संपर्क में है, हिन्दू जातियों में ब्राह्मणों के लिए इतनी नफरत बढ़ाओ की वे ब्राह्मणों के पास किसी भी क

चाणक्य सीरियल क्यों बंद हो गया

  https://youtu.be/u4cpDziU824 90 के दशक में, चाणक्य एक बहुत ही लोकप्रिय सीरियल हुआ करता था। सीरियल का कथानक, एक्टिंग और इसमे दिया गया संदेश इतना प्रभावी था, कि लोग उसका बेसब्री से इंतजार किया करते थे। इस पोस्ट के मूल लेखक JNU से पढ़े हुए हैं, वे भी इस सीरियल का बेसब्री से इंतज़ार किया करते थे। इस सीरियल में प्राचीन भारत के महान लोगो और हमारे इतिहास और संस्कृति के बारे में बहुत अच्छे ढंग से दिखाया गया था, कई ऐसे तथ्य थे जो हमे कभी इतिहास की किताबो में नही पढ़ाये गए, और ये तथ्य ऐसे थे जिन पर हर भारतीय को गर्व की अनुभूति होती। उस ज़माने में युवाओं को ये जानकारी पहली बार मिल।रही थी, जिस वजह से उन्हें अपने इतिहास को लेकर जिज्ञासा भी हुई, और साथ ही इस इतिहास से जुड़ाव भी होने लगा, क्योंकि अब तक तो हमे बस हुमायूं से औरंगजेब और फिर अंग्रेजो की कहानियां ही पता थी.....उससे पहले भारत मे 5000 सालों में क्या हुआ, कैसे हुआ, ये सब हमसे छुपाया गया एक एजेंडे के तहत। अब जैसी की उम्मीद थी ही, ये सीरियल वामपंथी गैंग को पचा नही। 80 के दशक के अंत मे रामायण और महाभारत जैसे सीरियल अति लोकप्रिय हो चुके

अखंड भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजा महेंद्र प्रताप सिंह

आजाद हिंद सरकार के संस्थापक महान स्वतन्त्रता सेनानी #राजा_महेंद्र_प्रताप_सिंह(1 दिसम्बर 1886-29 अप्रैल1979) पुण्यतिथि राजा महेंद्र प्रताप का जन्म मुरसान के राजा बहादुर घनश्याम सिंह के यहाँ खड्ग सिंह के रूप में हुआ। बाद में उन्हें #हाथरस के राजा हरिनारायण सिंह ने गोद ले लिया व उनका नाम महेंद्र प्रताप रखा। उन्होने #निर्बल समाचार पत्र की स्थापना की व भारतीयों में स्वतन्त्रता के प्रति जागरूकता लाने का काम किया। वे विदेश गए कई देशों से भारत की स्वतंत्रता के लिए सहयोग मांगा और इसके बाद #काबुल अफगानिस्तान में देश की प्रथम #आजाद_हिंद_सरकार की स्थापना की। वहां आजाद हिंद फौज बनाई और अखंड भारत के प्रथम राष्ट्रपति के मानक पद पर आसीन हुए। लेकिन विश्व युद्ध के जल्दी खत्म होने के कारण वे वहां कामयाब नहीं हो सके। अंग्रेजों ने इनके #सिर पर इनमे रख दिया था व इसके बाद उनका राज्य हड़प लिया था। लेकिन राजा साहब ने हार नहीं मानी इसके बाद वे दुनिया भर के देशों में समर्थन के लिए घूमे जापान में उन्होंने एग्जेक्युटिव बोर्ड ऑफ इंडिया की स्थापना की और रास बिहारी बोस उनके उपाध्यक्ष थे। इस दौरान उन्हें जापान से मा