सबरीमाला मंदिर। सबरीमाला मंदिर भगवान अयप्पा जी का है। भगवान अयप्पा विष्णु जी के नवे अवतार हैं। परशुराम जी के शिष्य थे। वैसे तो भगवान अयप्पा जी के बहुत मंदिर हैं जो सब के लिए 12 महीने खुले रहते हैं। स्त्री पुरुष सब दर्शन के लिए जाते हैं कोई उम्र की सीमा नहीं। सबरीमाला मंदिर भी भगवान अयप्पा जी का ही मंदिर है मगर इस का का हिसाब थोड़ा अलग है । ये मंदिर केवल नवम्बर से जनवरी को आम लोगों के लिए खुलता है। बाकि पूरे साल बंद रहता है। कुम्भ मेले से ज़्यादा भीड़ होती है। क़रीब 10 करोड़ लोग दर्शन को आते हैं। यहाँ पूजा मतलब सिर्फ़ धूप दीया बाती नहीं होता, यहाँ पूजा मतलब तन मन का शुद्धीकरण होता है, 800 साल या उस से भी पहले से परम्परा चली आ रही है । यहाँ 40 दिन का व्रत करना होता है गले में तुलसी की माला धारण करनी होती हैं। पुरुष को दाड़ी बाल नहीं काटने होते। बहुत ही निष्ठा के साथ ये 40 दिन की पूजा पद्धति निभाई जाती है। फिर इस मंदिर की सीड़ियों की भी एक कहानी है और यहाँ बहती नदी, पंबा नदी जो गंगा के जैसे पवित्र समझी जाती है। पंबा नदी की कहानी भी गंगा नदी जैसी ही है सफ़ाई करेंगे
Ajay karmyogi अजय कर्मयोगी शिक्षा स्वास्थ्य संस्कार और गौ संस्कृति साबरमती अहमदाबाद परंपरा ज्ञान चरित्र स्वदेशी सुखी वैभवशाली व पूर्ण समाधान हेतु gurukul व्यवस्था से सर्वहितकारी व्यवस्था का निर्माण